ये बच्चे कर रहे लॉकडाउन का सबसे अच्छा इस्तेमाल, देखें वीडियो
कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरे देश में लॉक डाउन है। ऐसे में घर में रहना वक्त की मांग है और इस समय देश हित में दिया गया सबसे बड़ा योगदान भी। लेकिन उर्जा से लबरेज उन बच्चों का क्या जिनका मन मैदान में खेलने को मचलता है।
सुबह स्कूल बस, वैन या पापा-मम्मी की कार-बाइक से पढ़ने जाना, दोपहर में लौटते ही तरह-तरह की फरमाईश करना और शाम को आसपास के बच्चों के साथ खेलना-कूदना, यह सब बंद है। कोरोना ऐसे वक्त में फैला कि होम एग्जाम्स के साथ-साथ बोर्ड के एग्जाम्स भी टल गए। ऐसे में कई बच्चों के बोर्ड के कुछ पेपर भी बाकी हैं। यानि एग्जाम की टेंशन भी पूरी तरह दूर नहीं हुई है। कुल मिलाकर प्रॉब्लम तो है लेकिन बच्चे तो बच्चे हैं। उनके लिए प्रॉब्लम का क्या मतलब है। सो उन्होंने लॉक डाउन के इस वक्त को अपने ढंग से इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इसमें उनके अभिभावक भी सहयोगी बन रहे हैं। ऐसे ही कुछ बच्चों और अभिभावकों ने 'लाइव हिन्दुस्तान' से अपने अनुभव साझा किए।
सेंट जोसेफ स्कूल खोराबार में 12 वीं की छात्रा शुभाषिता सिंह ने कहा कि लॉकडाउन दौरान वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने के साथ-साथ घरेलू कामों और साफ-सफाई पर भी पूरा ध्यान दे रही हैं। उनकी तैयारी भी चल रही है। शुभाषिता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने यदि कहा है कि लॉकडाउन है तो फिर उसका पूरा पालन करना चाहिए। कोविड-19 का प्रकोप इसी से रुकेगा। शुभाषिता ने बताया कि वह लॉकडाउन के दौर में भी वाट़सएप और फोन के जरिए अपने टीचर्स के सम्पर्क में हैं। कोई टॉपिक समझ में न आने पर तत्काल अपने टीचर्स से समझ लेती हैं।
गोरखपुर के कार्मल स्कूल में दसवीं की छात्रा स्वास्तिका सिंह की बोर्ड परीक्षाएं बीच में ही कोरोना की वजह से रोकनी पड़ीं। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की परीक्षाएं टली हैं उनके लिए यह समय अपनी तैयारी को और भी मजबूत बनाने का है। स्वास्तिका ने कहा यूं तो आम दिनों में किसी काम के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता लेकिन लॉकडाउन के इस समय में वह अपने मम्मी पापा की हेल्प करने के साथ ही कोरोना वायरस से बचाव के लिए सैनेटाइजेशन भी कर रही हैं।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो.राजवंत राव और उनकी पत्नी नमिता सिंह ने मिलकर घर की जिम्मेदारी सम्भाल रखी है। इसमें उनके परिवार के बच्चे भी हाथ बंटा रहे हैं। तीसरी कक्षा की छात्रा अन्वेषा राठौर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान रूम साफ करने से लेकर अपना बिस्तर लगाने, अपने बर्तन साफ करने तक के काम वे खुद कर रहे हैं। छठवीं के छात्र अवनीश राठौर ने कहा कि लॉकडाउन में दादा-दादी, बहन के साथ रोज सुबह की शुरुआत व्यायाम से होती है। इस दौरान पूरा दिन पढ़ने, पेंटिंग करने और इनडोर गेम्स खेलने में बहुत अच्छे से गुजर रहा है।